नई दिल्ली । विपक्षी दल 12 जून को पटना में एक बड़ी बैठक करने जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा हो सकती है। बैठक की तारीख पर निर्णय तब आया जब 20 विपक्षी दलों ने एकजुट होकर  नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार किया। क्योंकि उद्घाटन पीएम ने किया। 
विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की प्रथम नागरिक के रूप में, उन्हें ही उद्घाटन समारोह का नेतृत्व करने देना चाहिए था। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे लेकर एक ट्वीट किया था और कहा था कि वह (राष्ट्रपति) अकेले ही सरकार, विपक्ष और हर नागरिक का समान रूप से प्रतिनिधित्व करती हैं। वह भारत की पहली नागरिक हैं। उनके द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा। 
बैठक की तारीख बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिन्होंने 2024 के आम चुनावों से पहले विपक्षी एकता के लिए वार्ताकार के रूप में कार्य करने के लिए स्वेच्छा से काम किया, के कुछ दिन बाद ही तय की गई है। उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। नीतीश कुमार सभी समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को एक साथ लाने की योजना बना रहे हैं। और इसके लिए ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव जैसे नेताओं को समझा पाने में सफल रहे हैं।