उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर सांसदों की पेंशन और दूसरी सुविधाओं को खत्म करने की मांग की है। उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि श्री सुशील मोदी ने सदन में ‘मुफ्तखोरी की संस्कृति’ खत्म करने पर चर्चा का प्रस्ताव रखा है। पर जनता को मिलने वाली राहत पर अंगुली उठाने से पहले हमें अपने गिरेबां में जरूर झांक लेना चाहिए। क्यों न चर्चा की शुरूआत सांसदों को मिलने वाली पेंशन समेत अन्य सभी सुविधाएं खत्म करने से हो?

भाजपा सासंद वरुण गांधी पिछले काफी सयम से इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। बताया जाता है कि वरुण गांधी ने सांसद बनने के बाद से अपने लिए वेतन और दूसरी सुविधाएं नहीं ली हैं। वह दूसरे सांसदों से भी लगातार ऐसा ही करने का अनुरोध करते रहे हैं।

वरुण गांधी ने एक अन्य ट्वीट कर कहा कि पिछले पांच सालों में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के 4.13 करोड़ लोग एलपीजी की सिंगल रीफिलिंग का खर्च नहीं उठा सके, जबकि 7.67 करोड़ लोगों ने इसे केवल एक बार रीफिल कराया। घरेलू गैस की बढ़ती कीमतें के चलते गरीबों के ‘उज्ज्‍वला के चूल्हे’ बुझ रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ‘स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन’ देने का वादा इस तरह पूरा होगा?

भाजपा सांसद ने केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की उस रिपोर्ट को भी ट्विटर पर साझा किया है जिसमें साल 2017-18 से 2021-22 के बीच देश में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस रीफिल के आंकड़े दिए गए हैं।