बीजिंग। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है। इस बीच खबर हैं, कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने नई योजना के आधार पर तिब्बतियों की भर्ती तेज की है। इंटेलिजेंस एजेंसी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चीन तिब्बतियों की भर्ती में इजाफा कर ही रहा है। साथ ही तिब्बत के युवाओं और युवतियों को सेना में भर्ती के लिए तैयार भी कर रहा है। 
सूत्रों ने बताया कि पीएलए में भर्ती के लिए 4400 से ज्यादा तिब्बतियों को चुना गया है। जिसमें 4000 से ज्यादा तिब्बती युवक और करीब 400 तिब्बती युवतियां शामिल हैं। तिब्बत की राजधानी ल्हासा में दिसंबर 2021 से लेकर मार्च 2022 के बीच में 500 लोगों की चीनी सेना में भर्ती हुई है। जिसमें 250 के करीब कॉलेज के छात्र भी शामिल हैं।
चीन रणनीति के तहत तिब्बती गांवों के युवाओं को शिक्षित कर रहा है। इसके तहत एलएसी से लगने वाले नागरी प्रांत के 6 से 9 साल के बच्चों को बोर्डिंग में भेजने की तैयारी कर चुका है। इसके लिए चीन ने 120 छात्रों का चयन किया है। इन छात्रों को पढ़ाई के लिए बीजिंग भेजा जाएगा। इसके साथ ही मैंडेरिन भाषा पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा 10 से 18 साल के बच्चों को मैंडेरिन, बोधी और हिंदी भाषा को ज्ञान देने के लिए चुना गया है।
कुछ समय पहले खबर आई थीं कि चीनी सेना हिंदी भाषा को जानने वालों की भर्ती करने वाली है। ताकि भारत के संबंध में अधिक से अधिक इंटेलिजेंस जुटा सके और एलएसी के आसपास के इलाकों के बारे में जानकारी एकत्रित कर सके। वेस्टर्न थिएटर कमांड के तहत तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट इस साल जून तक भर्ती अभियान की शुरुआत होगी। पीएलए की वेस्टर्न थिएटर कमांड भारत के साथ चीन की सीमाओं की देखरेख करती है। तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट एलएसी के निचले हिस्से पर सुरक्षा का काम देखती है, जो पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा उत्तराखंड की सीमा से लगती है।  इसके अतिरिक्त पश्चिमी थिएटर कमांड के तहत आने वाली शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट भी लद्दाख की सीमा से लगे क्षेत्रों की देखरेख करती है। खुफिया जानकारी से पता चला है, कि तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कर्मियों ने पिछले दो महीनों में पीएलए में हिंदी अनुवादकों के लिए चीन के कई कॉलेजों और यूनिवर्सिटी का दौरा किया है।