उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जिला मजिस्ट्रेटों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान जल शक्‍ति मंत्री स्‍वतंत्र देव स‍िंह भी मौजूद रहे। सीएम योगी ने सभी जिलों के डीएम को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ की स्‍थि‍त‍ि से न‍िपटने के ल‍िए जो भी तैयार‍ियां अधूरी रह गई हैं उन्‍हें जल्‍द से जल्‍द पूरा कर ल‍िया जाए।

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मुख्‍यमंत्री ने ज‍िला स्‍तर पर आपदा प्रबंधन टीम बनाने के भी न‍िर्देश द‍िए हैै. ज‍िससे बाढ़ की स्‍थि‍त‍ि पैदा होने पर उससे न‍िपटा जा सके। उन्होंने कहा कि स‍िर्फ बाढ़ के ल‍िए ही नहीं अन्‍य क‍िसी आपदा के ल‍िए भी ज‍िलों में आपदा टीम हमेशा तैयार रहनी चाह‍िए। इसके ल‍िए ज‍िलाध‍िकारी अपने स्‍तर से फंड का इंतजाम कर स‍कते हैं। जनपद स्‍तर पर कोई ज‍िला आपदा प्रबंधन में कैसे स्‍वाबलंबी बने इस पर हमारा फोकस होना चाह‍िए। जि‍ससे हम हर आपदा स‍े न‍िपटने के ल‍िए हमेशा तैयार रहे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे राज्य स्तर पर एएसडीएमए, एनडीआरएफएचक्यू और एसडीआरएफ की तीन यूनिट काम कर रही हैं। इसी तरह प्रत्येक जिले में जिला आपदा प्रबंधन योजना तैयार करके उसके प्रशिक्षण के कार्यक्रम को भी आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ या किसी अन्य आपदा की स्थिति में प्रशिक्षित मैनपावर हर जनपद में होना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि किसी भी ग्राम पंचायत, नगर निकाय, वार्ड या मोहल्ला में जल-जमाव नहीं होना चाहिए। हर एक स्तर पर इसकी जवाबदेही सुनिश्चित कराएं। नाला-नाली, ड्रेनेज इत्यादि की सफाई समय से आगे बढ़नी चाहिए। मानसून की पहली बारिश प्रदेश के कई जनपदों में हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि संभावित परिस्थितियों को देखते हुए अधिकारियों ने उससे निपटने के लिए आवश्यक तैयारी भी कर ली होगी।

इससे पहले जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव स‍िंह ने मंगलवार को मानसून आने से पहले बाढ़ से बचाव की तैयारियों के लिए आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। ज‍िसमें इंटर एजेंसी ग्रुप (आइएजी) की 46 सदस्य संस्थाओं के पदाधिकारी शामिल हुए थे। मंत्री ने कहा था कि बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में स्वयंसेवी संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। वह सरकार के साथ मिलकर काम करें।

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