नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन किए जाने के बाद कांग्रेस ने ‎निशाना साधा है। रविवार को उन पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस ने कहा ‎कि संसदीय प्रक्रियाओं का पूरी तरह तिरस्कार करने वाला आत्म-गौरवशाली सत्तावादी पीएम, जो शायद ही कभी संसद में भाग लेते हैं या इसमें शामिल होते हैं। कार्यक्रम के लिए 28 मई को चुनने पर सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, इस दिन, 28 मई 1964 को भारत में सबसे अधिक संसदीय लोकतंत्र का पोषण करने वाले प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का अंतिम संस्कार हुआ था और वी.डी. सावरकर, जिसके वैचारिक पारिस्थितिकी तंत्र ने महात्मा गांधी की हत्या की, का 1883 में जन्म हुआ था। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी महिला को अपने संवैधानिक कर्तव्यों को पूरा करने और 2023 में नए संसद भवन का उद्घाटन करने की अनुमति नहीं है। 
राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा ‎कि संसदीय प्रक्रियाओं के लिए घोर तिरस्कार के साथ एक आत्म-गौरवशाली सत्तावादी प्रधानमंत्री, जो शायद ही कभी संसद में भाग लेता है या उसमें शामिल होता है। इससे पहले पीएम मोदी ने आज सुबह पारंपरिक पूजा और हवन के बाद लोकसभा की कुर्सी के पास ऐतिहासिक सेंगोल स्थापित किया और नए संसद भवन का उद्घाटन किया। कांग्रेस के अलावा, 19 अन्य विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किया।