नई दिल्ली ।  कुछ दिन पहले तक गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे हार्दिक पटेल अब बीजेपी के टिकट पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। विरमगाम विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के दौरान उन्होंने कहा कि गुजरात में चुनाव है और राहुल गाँधी  दक्षिण में यात्रा कर रहे हैं। गुजरात के लिए कोई विजन नहीं है कोई प्लान नहीं है।
हार्दिक पटेल ने एक समाचार चैनल से कहा कि विरमगाम में पिछले 10 साल से कांग्रेस के विधायक हैं लेकिन कोई काम नहीं हुआ है। जनता ने भी इस बात की हामी भरी है। इसीलिए मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार लोग बदलाव के मूड में हैं और हमारी जीत होगी। उन्होंने कहा कि इस असेंबली में 185 गांव है और पिछले 10-12 दिनों में मैं लगभग 140 गांवों में जा चुका हूं। अभी तक अच्छा माहौल है और दिन-ब-दिन बीजेपी और नरेंद्र मोदी के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ रहा है। यहां कोई एंटी इनकंबेंसी नहीं है लोगों में कांग्रेस के खिलाफ नाराजगी है। 
हार्दिक ने कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर कहा कि आइडियोलॉजी लोक सेवा जन सेवा और राष्ट्र सेवा होती है और ये कांग्रेस करना नहीं चाहती है। मैंने अपना आइडियोलॉजी नहीं बदला बल्कि फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार गुजरात के खिलाफ रही है। मुझे राम मंदिर के लिए चंदा देने से रोका गया। कांग्रेस स्थानीय मुद्दों के साथ खड़े नहीं रहना चाहती।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर हार्दिक पटेल ने कहा कि गुजरात में चुनाव है और वो दक्षिण में यात्रा कर रहे हैं। गुजरात के लिए कोई विजन नहीं है कोई प्लान नहीं है। ऐसे में लोग कांग्रेस को कैसे पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मजबूत लोगों की जरूरत नहीं है उन्हें बस चापलूस लोग चाहिए। मैंने तब कहा था कि आपको ऐसे ही करना है तो मुझे यहां नहीं रहना है उनको मेरी जरूरत ही नहीं थी।
बीजेपी उम्मीवार ने कहा कि मैं अकेला नहीं हूं जिसने कांग्रेस पार्टी छोड़ी है। गुलाम नबी आजाद कपिल सिब्बल ज्योतिरादित्य सिंधिया आरपीएन सिंह जैसे कई लोगों ने लंबे समय तक रहने के बाद पार्टी छोड़ी। अच्छा हुआ मैं दो साल में ही समझ गया। उन्होंने कहा कि केस के डर से मैं बीजेपी में नहीं आया मुझ पर आज भी 32 केस हैं और सुप्रीम कोर्ट ने मेरी दो साल की सजा पर स्टे लगाया है।
पाटीदार से नाराजगी के सवाल पर हार्दिक ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। पाटीदारों ने हमेशा बीजेपी को वोट दिया है। 2017 में आंदोलन का माहौल था इसीलिए अपना पॉलिटिकल स्टैंड अलग था। फिर भी 60 फीसदी पाटीदारों ने बीजेपी को वोट दिया था। जो भरोसा बीजेपी दे पाती है वो कांग्रेस या आम आदमी पार्टी नहीं दे सकती।