नई दिल्‍ली । भारत में जनवरी से सिंतबर तक बीते 9 माह में 948 बार भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। क्‍या ये किसी बड़े खतरे की चेतावनी है? भूकंप की तीव्रता जब 4 से कम होती है, तब आमतौर पर वे महसूस नहीं होते हैं। भारत में पिछले 9 माह में 240 इसतरह के भूकंप के झटके महसूस किए गए, जो 4 तीव्रता से ज्‍यादा वाले थे। बीती रात को नेपाल में आए भूकंप के झटको की तीव्रता भी 4 से अधिक थी। नेपाल में इससे पहले 2015 में आए विनाशकारी भूकंप में 10 हजार से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई थी।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, मौजूद डेटा के मुताबिक, इस साल 152 स्टेशनों से 1090 बार भूकंप आने की जानकारी मिली। हालांकि, इसमें सिर्फ 948 बार इसतरह के भूकंप दर्ज हुए जो भारत और उसके आसपास देशों आए। बता दें कि एनसीएस के पास मौजूद ये डेटा इस साल जनवरी से सितंबर तक का ही है।
ऐसा अनुमान है कि भारत में इस साल अब तक आए भूकंप की संख्‍या 1000 के पार पहुंच गई होगी। जनवरी से सितंबर तक 948 भूकंप यानि हर महीने करीब 105 से ज्यादा भूकंप के झटके। क्‍या ये खतरे की घंटी है? जानकार मानते हैं कि कम तीव्रता के भूकंप से कोई खास खतरा नहीं होता है। हां, भूकंप की तीव्रता अगर ज्‍यादा है, तब चिंता की बात होती है। तब हमें एक अलार्म सिस्‍टम बनाने की जरूरत है। इससे लोगों को भूकंप आने से कुछ मिनट पहले ही जानकारी मिल जाएगी।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भारत में आमतौर पर ज्‍यादा तीव्रता के भूकंप कम ही आते हैं। देश में इस साल महसूस किए गए सबसे ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप की बात करें, तब इनमें एक बीती रात नेपाल में आया 6.3 तीव्रता का भूकंप है। वहीं, दूसरा अंडमान-निकोबार द्वीप समूह से 431 किलोमीटर दूर उत्तरी सुमात्रा में आया 6.1 तीव्रता का भूकंप था। इस भूकंप के झटकों को भारत में सबसे ज्‍यादा दक्षिण के राज्‍यों में महसूस किया गया। इसके अलावा भारत 5 से 5.9 तीव्रता के 14 भूकंप और 4 से लेकर 4.9 तक के 224 भूकंप आए।