मुंबई । एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने नए संसद भवन के उद्‌घाटन अवसर पर नरेंद्र मोदी सरकारपर हमला बोला है। एनसीपी  प्रमुख शरद पवार ने शन‍िवार को पुणे में कहा क‍ि मैंने सुबह का आयोजन देखा। मुझे खुशी है कि मैं वहां नहीं गया। वहां जो कुछ हुआ, उसे देखकर मैं चिंतित हूं। उन्‍होंने सवाल करते हुए कहा क‍ि क्या हम देश को पीछे ले जा रहे हैं? क्या यह आयोजन सीमित लोगों के लिए ही था? नई संसद के उद्घाटन पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने हवन, बहुधार्मिक प्रार्थना और सेंगोल के साथ प्रवेश पर भी सवाल खड़े क‍िए।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा क‍ि मुझे संतोष है कि मैं नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हुआ, क्योंकि वहां मौजूद लोगों को देखकर, जो भी धार्मिक कांड हो रहा था, मैं इस समारोह में न जाने के फैसले से संतुष्ट था। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा क‍ि पंडित जवाहरलाल नेहरू की आधुनिक भारत की अवधारणा और संसद में आज जो कुछ हो रहा है, उसमें बहुत बड़ा अंतर है। एक बार फिर हमें चिंता सताने लगी है कि हम देश को चंद सालों के लिए पीछे ले जा रहे हैं। शरद पवार ने कहा कि नेहरू ने आधुनिक विज्ञान पर आधारित समाज की अवधारणा पेश की थी। आज संसद में इसके ठीक उलट तस्वीर देखने को मिली। शरद पवार ने एक विडंबनापूर्ण टिप्पणी भी की कि उन्होंने इस बात की सराहना की कि साधु, महाराज मंडली को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए लाया गया था।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने नई संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के पीछे अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि संसद का कोई भी काम राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू होता है। मैं राज्यसभा का सदस्य हूं। जहां उपराष्ट्रपति प्रधान होता है। आज के समारोह में लोकसभा अध्यक्ष को देखकर खुशी हुई, लेकिन उपराष्ट्रपति की उपस्थिति नहीं दिखी। इसलिए शरद पवार ने कहा कि सवाल खड़ा हुआ कि यह पूरा समारोह सीमित तत्वों के लिए था।