बीजिंग । चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कद अब क्रांतकारी नेता माओ से भी ऊंचा होता दिख रहा है।  कम्युनिस्ट पार्टी के नेता शी जिनपिंग को देश के राष्ट्रपति के तौर पर लगातार तीसरा कार्यकाल मिल गया है। इसके बाद अब शी जिनपिंग चीन में माओ-त्से तुंग से भी ज्यादा ताकतवर नेता के तौर पर उभर सकते हैं। वॉशिंगटन स्थित रेडियो फ्री एशिया से बातचीत में विश्लेषकों ने कहा कि अब शी जिनपिंग आने वाले दिनों में विदेश मामलों, अर्थव्यवस्था और मानवाधिकार को लेकर कड़े फैसले ले सकते हैं। रविवार को ही कम्युनिस्ट पार्टी ने शी जिनपिंग को लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति बने रहने के लिए चुन लिया। इस दौरान शी जिनपिंग के करीबी नेताओं को भी चीन की पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी में प्रमोट किया गया है।
हालांकि शी जिनपिंग की टीम में किसी किसी भी महिला को मौका नहीं मिला है। चीनी मीडिया के मुताबिक कई सालों के बाद ऐसा हुआ है, जब किसी महिला को जगह नहीं मिल पाई है। इस तरह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं नेशनल कांग्रेस में साफ हो गया कि शी जिनपिंग ही चीन में सत्ता का केंद्र हैं। जर्मनी में स्थित मंगोलियाई राइट्स एक्टिविस्ट शी हाइमिंग ने कहा कि शी जिनपिंग ने अब पोलित ब्यूरो की स्टैंडिंग कमेटी में अपने करीबियों को भर लिया है। इसके चलते वह बेहद मजबूत हो गए हैं और अब उनकी ओर से चीन में मनमाने फैसले देखने को मिल सकते हैं। 
शी हाइमिंग ने कहा कि जिनपिंग अब चीन में राजा और तानाशाह के तौर पर उभरे हैं। वहीं एक चीनी पत्रकार ने कहा कि चीन अब माओ के दौर में जा रहा है। हालांकि पत्रकार ने अपनी पहचान उजागर न करते हुए कहा कि ऐसा करने उनके लिए रिस्की हो सकता है। पत्रकार ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं नेशनल कांग्रेस का सत्र माओ-त्से तुंग के दौर की शुरुआत है। यही नहीं कई विश्लेषकों ने कहा कि चीन अब पूरी तरह से सामूहिक नेतृत्व से बाहर निकल रहा है और अब वहां एक ही व्यक्ति का शासन चलेगा, जो शी जिनपिंग हैं।