भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पेश राजनीतिक प्रस्ताव में विपक्षी पर सरकार खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नकारात्मक अभियान चलाने और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया। साथ ही इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों ने विपक्ष को बेनकाब कर दिया।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कार्यकारिणी बैठक के पहले दिन राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया जबकि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और कर्नाटक सरकार में मंत्री गोविंद करजोल ने इसका अनुमोदन किया।

रिजिजू आदिवासी समुदाय से, मौर्य पिछड़ा वर्ग और करजोल अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं। पिछले कुछ सालों में भाजपा ने विभिन्न सामाजिक समूहों को अपनी ओर आकर्षित कर चुनावी सफलता हासिल की है।सीतारमण ने कहा कि विपक्ष ने राफेल, पेगासस, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, नोटबंदी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण समेत कई मुद्दों पर सरकार के खिलाफ अभियान चलाया लेकिन सरकार के पक्ष में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसलों ने विपक्ष की मंशा को बेनकाब कर दिया।

उन्होंने राजनीतिक संकल्प का हवाला देते हुए कहा कि पीएम मोदी के खिलाफ निराधार आरोप लगाए गए, लेकिन कानूनी जवाब ने विपक्ष का पर्दाफाश कर दिया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को एक ईमानदार नेता के रूप में देखा जाता है जो देशहित के लिए काम कर रहा है और जिनके नेतृत्व को विश्वस्तर पर सम्मान मिला है। उनके नेतृत्व में भारत की छवि भी निखरी है।वित्त मंत्री ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान मोदी का यह दावा कि यह युद्ध का युग नहीं है।

राजनीतिक प्रस्ताव में गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत और कई उपचुनावों में विजय की सराहना की गई और कहा गया कि इसका 2024 के लोकसभा चुनावों पर भी असर पड़ेगा। भाजपा ने कहा है कि वह भले ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव हार गई हो, लेकिन उसका वोट शेयर कांग्रेस से महज एक फीसदी कम था।