कानपुर के पहले और पूर्व पुलिस कमिश्नर आईपीएस असीम अरुण (Police Commissioner Asim Arun) जिनके अचानक से राजनीति में उतरने की बात ने हर किसी को चौंका दिया था। हर कोई ये बात जानना चाहता है कि आखिर कैसे अचानक से उन्होंने खाकी से खादी तक का सफर तय करने की बात थान ली। इसी के चलते आज हम आपको बताने जा रहे हैं, आईपीएस असीम अरुण (IPS Asim Arun) कैसे राजनीति की राह में चल दिए। जी हां, दरअसल, आईपीएस अरुण के ये कदम पुलिस कमिश्नरेट से कब चुनाव लड़ने की तरफ बढ़ गए इस बात की खबर तो पार्टी के बड़े नेताओं तक को नहीं थी। पर महज चार बैठकों के बाद उन्हें कालीदास मार्ग बुला लिया गया। 


तीस मिनट की बैठक के बाद लिया फैसला

                  जानकारी के मुताबिक, आईपीएस असीम अरुण (IPS Asim Arun)  को बीजेपी में शामिल कराने की पटकथा आरएसएस के कार्यालय केशव भवन में तैयार की गई थी। जहां एक के बाद एक लगातार चार मीटिंगों के बाद ये फैसला ले लिया गया था। मीटिंग होने के बाद ही आईपीएस अरुण (IPS Asim Arun) को कालीदास मार्ग पांच बुला लिया गया। जहां तकरीबन तीस मिनट की बैठक के बाद उनका मन और पक्का हो गया था। इस मीटिंग में उनके इस डाउट भी क्लियर किया गया कि आखिर कैसे उन्हें कन्नौज से चुनाव लड़ना है और कैसे चुनाव के लिए खड़ा होना। सिर्फ इसी तीस मिनट की बैठक के बाद ही पुलिस विभाग का एक नामचीन चेहरा राजनीति में उतर गया। इस बैठक के बाद आईपीएस अरुण ने दो दिन लखनऊ में ही गुजारे। इस समय उन्होंने कई लोगों से बैठक की और डिस्कशन भी किया। 


वीडियो शेयर करके दिया संदेश

वीआरएस स्वीकार होने के बाद आईपीएस असीम अरुण (IPS Asim Arun) ने वीडियो शेयर करके कहा कि कानपुर नगर पुलिस कमिश्नरेट को मेरा जय हिंद... जैसा कि आप सब जनते हैं मैंने वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) का आवेदन दिया है और सरकार ने 15 जनवरी से इसे स्वीकृति दी है। यानी सप्ताह के अंत में मैं आपसे और इस सेवा से विदा लूंगा।

मेरे इस संदेश को विदाई समारोह मानें

मैं वर्तमान हालात को देखते हुए साथियों से विदाई समारोह न करने की अपील करता हूं...। मेरे इस संदेश को ही विदाई समारोह मानें। सोमवार रात कुछ इसी तरह के संदेश के साथ असीम अरुण(Asim Arun) ने कमिश्नरी पुलिस(Kanpur Commissionerate Police) के लिए एक वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा, कानपुर पुलिस कमिश्नरी(Kanpur Commissionerate Police) के गठन के बाद से सभी ने बहुत मेहनत की। नई संस्था विकसित की। हम लोगों को सुपर कॉप नहीं, सुपर सिस्टम बनने की दिशा में आगे बढ़ते रहना है। उन्होंने पुलिसकर्मियों से नागरिकों की सुरक्षा और सेवा के लिए सभी प्रणालियों को विकसित करने की अपील की।


संदेश में 3 महापुरूषों का उल्लेख

कहा, मैंने खुद अपने जीवन में हमेशा तीन महापुरुषों के चित्र अपने कार्यालय में रखे हैं। धर्म और नैतिकता के प्रतीक महात्मा गांधी(Mahatma Gandhi) जी, दूसरे विधि के प्रतीक बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर(Dr. Bhimrav Ambedkar) और तीसरे शक्ति के प्रतीक सरदार वल्लभ भाई पटेल(Sardar Vallabh Bhai Patel)। यानी हम जो कार्य करें, वो धर्म संगत हो, विधि के अनुसार और पूरी शक्ति के साथ किया गया हो। मैं ईश्वर से सभी साथियों में अंतरात्मा की आवाज सुनकर ही काम करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।