भोपाल    मानसून केरल की दहलीज पर पहुंच चुका है। भोपाल में 15 जून के बाद दस्तक दे सकता है। मौसम वैज्ञानिकों द्वारा संभावना यह भी जताई जा रही है कि इस बार दोनों ब्रांच बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के जरिए मानसून दो तरफ से प्रदेश में एंट्री ले सकता है। मानसून की यह एंट्री इंदौर और जबलपुर संभाग से हो सकती है। 20 जून तक प्रदेश के ज्यादातर हिस्से को कवर कर सकता है।धमाकेदार आगाज करने वाला प्री मानसून जबलपुर, सागर, रीवा, ग्वालियर-चंबल में अटक गया है। भोपाल में बादल तो आए, लेकिन सिर्फ बूंदाबांदी ही कर सके। इंदौर, उज्जैन को अब भी प्री-मानसून की बौछारों का इंतजार है। अगले एक सप्ताह तक प्रदेश के कुछ ही हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी होगी।

मौसम वैज्ञानिक पीके साहा के मुताबिक, 2 जून तक प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में हल्की गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी हो सकती है। भोपाल-इंदौर में उमस रहेगी। नर्मदापुरम, उज्जैन समेत पश्चिमी मध्यप्रदेश में तापमान में हल्की बढ़त हो सकती है।मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि अगले दो सप्ताह ज्यादा बारिश नहीं है। सिर्फ जबलपुर, ग्वालियर, सागर और छत्तीसगढ़ से सटे इलाकों में ही हल्की बारिश होगी। नमी तो आ रही है, लेकिन इंदौर-भोपाल में इसका ज्यादा असर नहीं पड़ रहा। 9 जून तक यही स्थिति रहेगी। इसके बाद से हल्की बारिश का दौर शुरू हो सकता है।

केरल में 30 मई तक पहुंच सकता है मानूसन

पीके साहा ने बताया कि पहले मानसून 27 मई तक केरल पहुंचने वाला था, लेकिन अब यह 30 मई तक पूरी तरह पहुंच पाएगा। इसके बाद मध्यप्रदेश में 9 जून से हल्की बारिश का दौर शुरू होगा। सबकुछ ठीक रहा तो 20 से 22 जून तक प्रदेशभर में मानसून सेट हो जाएगा।