नई दिल्ली । बिहार की सियासत में शह-मात तक का खेल जारी है। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) प्रमुख चिराग पासवान की भाजपा से दूरियां बढ़ती जा रही हैं, तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के साथ उनकी सियासी केमिस्ट्री बनती नजर आ रही है। चिराग के हर कदम पर तेजस्वी यादव साथ खड़े नजर आ रहे हैं, चाहे लोजपा में टूट का वक्त रहा हो या फिर रामविलास पासवान के 12 जनपथ स्थित बंगले को खाली कराने का मुद्दा। इस तरह से बिहार में चिराग-तेजस्वी के बीच नए सियासी समीकरण बनने के संकेत मिल रहे हैं। 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आक्रामक रुख अपनाते हुए चिराग ने बिहार चुनाव के दौरान एनडीए का साथ छोड़ दिया था, लेकिन भाजपा से बगावत नहीं की। खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान इन दिनों काफी नर्वस दिखाई दे रहे हैं। वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव 2020 के चुनाव के बाद अपने सियासी समीकरण को दुरुस्त करने में जुटे हैं, जिसके लिए वह तमाम जतन कर रहे हैं। ऐसे में तेजस्वी पूरी तरह से चिराग के संग खड़े होकर सियासी संदेश देने के साथ-साथ उन्हें साधने की कवायद भी कर रहे हैं। 
तेजस्वी की नजर बिहार के अगले विधानसभा चुनाव से पहले 2024 के लोकसभा चुनाव पर है, जिसके लिए वह तमाम कवायद करने में जुटे हैं, ताकि भाजपा-जेडीयू का मुकाबला कर सकें। केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा रामविलास पासवान के बंगले को खाली कराने के विरोध और चिराग के समर्थन में तेजस्वी खड़े दिखाए दे रहे हैं। इतना ही नहीं, तेजस्वी ने अपने दूत और दलित नेता श्याम रजक को भी चिराग के पास भेजा और करीब 30 मिनट तक बंद कमरे में बातचीत हुई।
माना जा रहा है कि चिराग के बहाने तेजस्वी बिहार के दलित वोटों को साधने की कवायद में है। तेजस्वी ने बंगले खाली कराने का वीडियो साझा करते हुए लिखा ताउम्र वंचितों के हितैषी और पैरोकार रहे रामविलास पासवान जी का दिल्ली आवास खाली कराने गई केंद्र सरकार की टीम ने भारत रत्न बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति व पद्म भूषण पासवान जी की तस्वीर को अपमानजनक तरीके से सड़क पर फेंक संविधान व दलित वर्ग का अपमान करने का कुकृत्य किया है।