केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जम्मू-कश्मीर को जल्द राज्य का दर्जा दिए जाने का संकेत दिया है। राज्यों और केंद्र के संबंधों पर व्याख्यान में वित्त मंत्री ने कहा,राज्यों को कुल कर संग्रह का 42 फीसदी वित्त आयोग के जरिये दिया जा रहा है।जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने से यह प्रतिशत एक फीसदी घट गया है,जो फिर 42 फीसदी हो सकता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना दूसरा विचार किए चौदहवें वित्त आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। वित्त वर्ष 2014-15 से पूर्व यह केवल 32 फीसदी था।

सीतारमण ने यहां केंद्र-राज्य संबंधों पर एक व्याख्यान देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी हिचकिचाहट के 2014-15 में 14वें वित्त आयोग की इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया था कि सभी करों का 42 प्रतिशत राज्यों को देना चाहिए।वित्त मंत्री ने कहा कि उस वित्त आयोग ने कहा था कि अब आप इसे बढ़ाकर 42 फीसदी कर दें।यानी केंद्र के हाथ में इससे कम धन राशि होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी हिचकिचाहट के वित्त आयोग की सिफारिश को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया और इसीलिए आज राज्यों को 42 प्रतिशत धन राशि मिलती है।

जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने से वित्त वित्त आयोग के लिए एक फीसदी राशि घटकर 41 प्रतिशत रह गई है। उन्होंने कहा, यह राशि फिर 42 फीसदी हो सकती है, क्योंकि जल्द ही या फिर कुछ समय में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिल सकता है। गौरतलब है कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। वित्त आयोग से केवल राज्यों को ही वित्तपोषण मिलता है।