पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्य देश के कई राज्यो में आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्रोलसिव डिवाइस) के जरिए ब्लास्ट की साजिश रच रहे थे। अहम बात ये है कि सदस्यों को इस तरह ट्रेनिंग दी जा रही थी कि धमाकों के लिए कहीं से गोला-बारूद लाने की जरूरत ही नहीं थी। यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में पकड़े गए आरोपियों के पास से मिली सामग्रियों की जांच पड़ताल में अहम सुराग मिले हैं।

निशाने पर धार्मिक स्थल व हिंदू आबादी

लखनऊ के बख्शी का तालाब (बीकेटी) से पकड़े गए तीन आरोपियों के पास से जो किताब मिली है, उसमें साफ लिखा है कि आपके आसपास मौजूद सामग्री से कैसे आईईडी बनाई जा सकती है। पुलिस को आशंका है कि इनके निशाने पर कई धार्मिक स्थल और हिंदू आबादियां थीं, जहां दशहरा से दीपावली तक ब्लास्ट की तैयारी थी। इसके लिए वह विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग ले रहे थे। पुलिस इस बारे में और सबूत इकट्ठा कर रही है। 

मुस्लिम देश घोषित करने का था मंसूबा

बीकेटी के अचरामऊ गांव से मंगलवार को एसटीएफ और एटीएस की छापेमारी में गिरफ्तार किए गए मो. फैजान, मो. रेहान और सूफियान के पास से तलाशी में बरामद दस्तावेजों से इसका राजफाश हुआ है। इनकी गिरफ्तारी के बाद एटीएस और एसटीएफ की टीम ने जब तलाशी ली तो एक नीले रंग का छोटा सा थैला बरामद हुआ। थैले में उर्दू की एक किताब मिली। इसके अलावा कुछ अन्य दस्तावेज मिले हैं जिसके पहले पृष्ठ पर 2047 तक हिंदुस्तान को मुस्लिम देश घोषित करना इनका मुख्य मकसद है।

वहीं दूसरे और तीसरे पृष्ठ पर साफ लिखा है आपके आसपास आसानी से मौजूद सामग्री से आइईडी बनाई जा सकती है। आइईडी कैसे बनाएं, इसका विवरण दिया गया है। चौथे और पांचवें पृष्ठ पर विस्फोटक के स्रोतों की जानकारी दी गई है। इन लोगों ने वाट्सएप ग्रुप पर संगठन के लोगों को भी इसका प्रशिक्षण दिया है। इन दस्तावेजों की फोटो कापी पीएफआइ से जुड़े लोगों में वितरित भी की गई है। आइईडी के साथ ही कई अन्य प्रकार के विस्फोटक बनाने का प्रशिक्षण ले रहे थे।

अयोध्या, काशी व मथुरा में बना रहे थे दंगे की योजना

पुल‍िस की प्रारंभ‍िक जांच के अनुसार, पीएफआई सदस्य एक साथ कई बड़े शहरों अयोध्या, काशी और मथुरा में दंगे की योजना बना रहे थे। एनआरसी-सीएए के विरोध में दिसंबर 2019 में हुए दंगों से और बड़े दंगे करने का षड्यंत्र रच रहे थे। इस संबंध में यह लोग कई बैठकें भी कर चुके थे। बस इसकी तिथि निर्धारित होनी थी। बरामद किताब से दंगों के चित्र भी मिले हैं। इन चित्रों पर पेन से निशान भी लगाया गया है। सूफियान के मोबाइल से मैसेज और वाट्सएप भी बरामद हुए जिसमें कई आपत्तिजनक बातों का विवरण है। पुल‍िस इसके सुबूत एकत्र कर रही है।

हिंदू इलाकों में ब्लास्ट की थी तैयारी

इस बीच खुफिया एजेंसियों ने ताबड़तोड़ दबिश देकर गिरफ्तारी शुरू की दो इनके नापाक मंसूबों पर ग्रहण लग गया। कुछ हिंदू बहुल इलाकों और प्रमुख मंदिरों पर धमाका करने की तैयारी भी थी। खुफिया एजेंसियों की पड़ताल में पता चला है कि पीएफआइ से जुड़े लोग मुसलमानों को उकसाकर हिंदुओं को टारगेट कर रहे थे। मुसलमानों को धर्म के नाम पर भड़काकर हिंदुओं की हत्याएं कराना चाहते थे।