मुंबई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र से गुजर रही ‘भारत जोड़ो यात्रा‘ के बीच विनायक दामोदर सावरकर पर सीधा हमला बोलकर एक नया सियासी हंगामा खड़ा कर दिया है. दरअसल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने गुरुवार को दावा किया कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और जेल की सजा भुगतने के दौरान उन्होंने डर के चलते माफीनामे पर हस्ताक्षर करके महात्मा गांधी तथा अन्य समकालीन भारतीय नेताओं को धोखा दिया था. आखिर जानबूझकर सावरकर का मुद्दा उठाने के पीछे कांग्रेस की क्या मंशा रही होगी? इसको लेकर चर्चा चल रही है. सूत्रों की मानें तो राहुल ने ये सब रणनीति के तहत ही किया है. वैसे राहुल ये तो जानते ही थे कि, महाराष्ट्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर सावरकर का सवाल उनके सामने आएगा. इसीलिए जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल आया तो राहुल गांधी बाकायदा सावरकर के खत के साथ सामने आए और हमला बोला. दरअसल, कांग्रेस और राहुल गांधी चाहते हैं कि, सावरकर पर बहस गुजरात चुनाव के मद्देनजर और तेज हो जाए, जिससे महात्मा गांधी की हत्या के बाद सरदार बल्लभ भाई पटेल का आरएसएस पर बैन लगाना और सावरकर का गिरफ्तार होना सरीखी चीजें चर्चा में आए. साथ ही कांग्रेस अपने ऐतिहासिक तथ्यों को भी रखना चाहती है कि, सावरकर खुद को नास्तिक कहते थे, वो गाय को पूजा के योग्य नहीं सिर्फ जानवर मानते थे, वो देश को मातृभूमि नहीं पितृभूमि मानते थे. ये कहकर वो सावरकर की हिन्दू आइकन की छवि पर चोट करना चाहती है. बाकी तो अंग्रेजों से माफी, अंग्रेजों से पेंशन लेना, सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के खिलाफ युवाओं को अंग्रेजी फौज में भर्ती होने के लिए कहना, 1942 के आंदोलन में गांधी से इतर रुख रखना और जेल से छूटने पर किसी स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा नहीं लेना, जैसे वो तथ्य जिसे कांग्रेस उठाती रही है, उनको फिर चर्चा का विषय बनाकर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को घेरना चाहती है.