भोपाल    भेल दशहरा मैदान पर चल रही श्रीराम कथा में मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान धर्मपत्नी साधना सिंह के साथ शामिल हुए। उन्होंने व्यास पीठ का पूजन किया। इस मौके पर रामभद्राचार्य महाराज ने मुख्यमंत्री से दक्षिणा के तौर पर भोपाल का नाम भोजपाल करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे अकेले का काम नहीं है, इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज के चेहरे पर तेज है। उनकी वाणी ओजस्वी है और जिह्वा पर मां सरस्वती विराजमान हैं। वे विद्वान हैं, ऐसे विरले लोग होते हैं। मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे इनका दर्शन प्राप्त हुआ। इस मौके पर कृषि मंत्री कमल पटेल, पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल और विधायक कृष्णा गौर भी मौजूद रहीं।

धर्मग्रंथों को स्कूलों में पढ़ाया जाएगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार रामचरित मानस, गीता जैसे धर्मग्रंथों को स्कूलों में बच्चों को पढ़ाएगी। इससे जो धर्म और सामाजिक संस्कृति से भटक चुके हैं, उनकी बुद्धि का विकास होगा। नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले निशाचरों को फांसी पर चढ़ाया जाएगा।

चित्रकूट में भी कारिडोर बनाया जाएगा

मध्य प्रदेश सरकार का प्रयास है कि संस्कृति का भव्य रूप निखरे, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। उज्जैन में महालोक परिसर बनाया गया है। ओरछा में भी इसके लिए काम चल रहा है। चित्रकूट में भी कारिडोर बनाया जाएगा। चित्रकूट में भगवान 11 साल 11 महीने और 11 दिन रहे। चित्रकूट में प्रतिमाओं के माध्यम से उस समय का दृश्य तैयार किया जाएगा, ताकि लोगों को भगवान रामचंद्र और उनकी लीलाओं को दिखाया जा सके। उमा भारती को लेकर कहा कि वे अद्भुत हैं। वे एक मिशन को लेकर काम कर रही हैं।