हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन से महालक्ष्मी व्रत आरंभ हो जाते हैं जो अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को समाप्त होंगे। 16 दिनों तक चलने वाला इस पर्व में मां लक्ष्मी की विशेष आराधना की जाती है। इस बार महालक्ष्मी व्रत 4 सितंबर से शुरू होकर 17 सितंबर तक चलेंगे। मान्यताओं के अनुसार, मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ व्रत करने से जल्द ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

स्थापित करें श्री यंत्र : महालक्ष्मी व्रत के दौरान विधिवत तरीके से श्रीयंत्र स्थापित कर लें। इसके साथ ही रोजाना विधि पूर्वक पूजा करें। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

चढ़ाएं कौड़ियां : मां लक्ष्मी को कौड़ियां अति प्रिय है। इसलिए पूजन के दौरान मां को कौड़ियां अर्पित करें। इसके बाद महालक्ष्मी व्रत समाप्त होने के बाद इन्हें लाल रंग के कपड़े में बांधकर अपनी अलमारी या फिर तिजोरी में रख लें।

चढ़ाएं कमल का फूल : मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए चरणों में कमल का फूल अर्पित करें। ऐसा करके मां की कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहेगी।

जलाएं घी का दीपक : सुख- समृद्धि के लिए महालक्ष्मी व्रत के 16 दिनों तक प्रवेश द्वार के एक ओर घी का दीपक जलाएं। इससे मां लक्ष्मी का आपके घर में हमेशा वास रहेगा।

अर्पित करें ये चीजें : महालक्ष्मी व्रत के दौरान मां लक्ष्मी को बताशा, शंख, कमलगट्टे, शंख, मखाना आदि अर्पित करें। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होगी।