भोपाल । राजधानी में अवैध होर्डिंग, पोस्टर, बैनर की बाढ आई हुई है। इन अवैध होर्डिंग से दुर्घटनओं का खतरा बारिश के मौसम में कई गुना बढ गया है। नगर निगम अवैध होर्डिंग से खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, शांति से बैठा हुआ है। नगर निगम अवैध होर्डिंग, पोस्टर, बैनर लगाने वालों को नहीं रोक पा रहा है। जिन्हें अनुमतियां दी गई हैं, वहां भी गड़बड़ी हो रही है। अवैध होर्डिंग को तो अभियान के तहत हटाया जा सकता है, लेकिन अनुमति के साथ नियम तोड़कर स्थापित होर्डिंग लंबे समय तक शहरवासियों के जीवन का खतरा बनते रहेंगे। सबसे अधिक परेशानी बारिश के मौसम में होती है। आंधी तूफान की वजह से होर्डिंग गिरने से दुर्घटनाएं होना आम हो जाता है। इसके बावजूद नगर निगम द्वारा इन अवैध होर्डिंग को नही हटाया जा रहा है। बता दें कि बोर्ड आफिस चौराहा स्थित केके प्लाजा से लेकर न्यू मार्केट में रोशनपुरा चौराहा स्थित एक मेडिकल शाप वाले काम्प्लेक्स की छत पर नियम विरुद्ध तरीके से अनुमति जारी कर दी है। निगम प्रशासन समेत कई जगह पर इसकी शिकायत भी हुई। मामले उठे भी, लेकिन गंभीरता नहीं दिखाई गई। गड़बड़ी कर छतों पर बड़े होर्डिंग को अनुमति देने से नियम तो टूटे ही हैं, बाजार वाले क्षेत्रों में ये होर्डिंग्स आमजन के लिए खतरा भी बने हैं। यदि ये होर्डिंग तेज आंधी, बारिश में गिरते हैं तो जान-माल के बड़े नुकसान की आशंका है। राष्ट्रीय भवन संहिता के अनुसार 18 मीटर ऊंचे भवन पर अधिकतम दो मीटर और 18 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले भवन में 3 मीटर से अधिक ऊंचे होर्डिंग न हो। स्थिति ये है कि रोशनपुरा चौराहा पर मेडिकल स्टोर वाली बिल्डिंग पर करीब 25 फीट, बोर्ड ऑफिस चौराहा पर केके प्लाजा बिल्डिंग पर 50 फीट, ज्योति टॉकीज चौराहे के पास बिल्डिंग्स की छत पर 30 फीट, बैरागढ़ व ईदगाह हिल्स में भी भवनों पर30 फीट ऊंचे होर्डिंग की अनुमति प्रदान कर दी। मीटर में देखें तो ये दस मीटर से 16 मीटर तक ऊंचे हैं। यानी राष्ट्रीय भवन संहिता में तय नियम से छह से सात गुना अधिक आकार को अनुमति दे दी। इस संबंध में नगर निगम भोपाल के अपर आयुक्त एमपी सिंह का कहना है कि नगर निगम द्वारा अवैध होर्डिंग को लेकर समिति का गठन किया गया है। जल्द ही शहर के वैध व अवैध होर्डिंग का आडिट कराया जाएगा। खतरे वाले और अवैध होर्डिंग का चयन कर उसे हटाया जाएगा। इसके लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।