Do You Know: क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसे महंगा चावल बासमती नहीं है. हैरान करने वाली बात है कि अरब के एक रेगिस्तानी देश में चावल की खेती होती है और यह दुनिया में सबसे महंगा बिकता है. इसमें भरपूर पोषक तत्व भी पाया जाता है. ये फसल भीषण गर्मी में तैयार होती है.

Do You Know About Most Expensive Rice: अभी तक आपको लगता होगा कि भारत में पैदा होने वाले बासमती चावल की खुशबू से ही दुनिया गमकती है, लेकिन ऐसा नहीं है. दुनिया के एक सबसे रेगिस्तानी देश में एक खास किस्म का चावल पैदा होता है जो दुनिया में सबसे ज्यादा महंगा है. इसे दुनिया के अमीर बेहद शौक से खाते हैं. इसमें तमाम गुणकारी तत्व हैं जो इसे दुनिया का सबसे खास चावल बनाता है. इसकी पैदावार के लिए चरम की गर्मी के साथ बहुत ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है. लेकिन, भारत और दुनिया के संभवतः सभी प्रमुख चावल उत्पादक देश इसकी पैदावार के लिए अनुकूल नहीं हैं. आप एक मिनट से लिए कंफ्यूज हो रहे होंगे कि आखिर यह चावल पैदा कहां होता है. इसका अनुमान लगाना आसान नहीं है. क्योंकि कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि रेगिस्तानी मिट्टी में भीषण गर्मी के दौरान इसकी फसल तैयार होती है.

इस खास किस्म के चावल का नाम है हसावी राइस (Hassawai Rice). इसकी पैदावार के लिए 48 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी चाहिए. इसके साथ ही इसके जड़ फसल की पूरी अवधि तक पानी में डूबे रहने चाहिए. अब आपको बताते हैं कि चावल की इस किस्म की खेती कहां होती है. दरअसल, इसकी पैदावार सऊदी अरब में होता है. अरब के अमीर शेख लोगों का यह पसंदीदा भोजना है. इसे सऊदी अरब के एक खास हिस्से में उपजाया जाता है. इसके लिए सिंचाई की खास व्यवस्था की गई है. इसकी फसल को सप्ताह में कम से कम पांच दिन पानी और 48 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी चाहिए होती है.

इस फसल को उपजाने में बहुत ज्यादा श्रम और देखभाल की जरूरत पड़ती है. इसकी फसल तैयार करने का तरीका वैसे तो भारत में की जाने वाली धान की खेती की तरह ही है. पहले इस चावल के बीज का रोपा तैयार किया जाता है. फिर उसे पानी वाले खेत में बोया जाता है. आप सोच रहे होंगे कि सऊदी अरब का पूरा इलाका तो रेगिस्तानी है. वहां पानी का अकाल है ऐसे में वहां चावल की खेती कैसे की जाती है. इसकी रोपाई भीषण गर्मी के वक्त की जाती है और नवंबर-दिसंबर में इसकी फसल काटी जाती है. इस चावल का रंग लाल होता है और इसे रेड राइस भी कहा जाता है. यह दुनिया का एक सबसे स्वादिष्ट चावल है. इसे अरब के लोग बिरयानी बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं.

हसावी चावल का भाव

रिपोर्ट के मुताबिक उच्च गुणवत्ता वाले हसावी चावल का भाव 50 सऊदी रियाल प्रति किलो है. इसको भारतीय रुपये में देखा जाय तो यह 1000 से 1100 रुपये किलो का भाव पड़ता है. वैसे औसत दर्जे का हसावी चावल 30 से 40 रियाल किलो बिकता है. यानी 600 से 800 रुपये किलो. कुल मिलाकर इस चावल के एक किलो के भाव में एक औसत भारतीय का एक महीने का पूरा राशन आ सकता है. भारत में बेहतरीन गुणवत्ता वाले बासमती चावल का भाव करीब 150 रुपये किलो के आसपास है. वैसे बासमती के कई वैरायटी है और यह 60-70 रुपये किलो से शुरू हो जाता है.

हसावी चावल के गुणकारी तत्व

वेबसाइट रिसर्चगेट डॉट नेट के मुताबिक हसावी चावल इंडिका वैराइटी का एक लाल ब्राउन राइस है. परंपरागत रूप से इसे सऊदी अरब के पूर्वी प्रांत अल-अहसा ओएसिस के लोग खाते हैं. वेबसाइट ने इस चावल के गुणकारी तत्वों की तुलना बासमती चावल से की है. इसमें दावा किया गया है कि इस चावल में बासमती राइस की तुलना में ज्यादा मात्रा में फेनोलिक और फ्लैवोनायड कंटेंट हैं. इसके साथ ही इसमें बासमती की तुलना में ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी भी है. इसमें पानी में घुलने वाले विटामिन और जिंक की मात्रा भी बासमती की तुलना में ज्यादा हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि इंसान के भोजन में अगर इसे शामिल किया जाता है तो यह काफी फायदेमंद रहेगा. इससे इंसान को प्रचूर मात्रा में पोषक तत्व मिलने के साथ अच्छी मात्रा में फाइबर की भी प्राप्ति होगी. इससे कुल मिलाकर आपकी फिटनेस बनी रहेगी. इसके सेवन से आप लंबी उम्र में भी ऊर्जावान महसूस करेंगे.

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