किसी व्यक्ति पर कभी भी आर्थिक संकट आ सकता है। ऐसे में जरूरी नहीं कि आपको किसी अपने के द्वारा मदद मिल जाए, लेकिन इस स्थिति में बैंक आपकी मदद जरूर करता है। आप बैंक में अपने नाम पर पर्सनल लोन लेकर उस आर्थिक स्थिति को ठीक कर सकते हैं।

आपको बता दें कि इस लोन के लिए बैंक आपसे ज्यादा दस्तावेज नहीं मांगता और जल्द ही आपके खाते में रकम भी ट्रांसफर कर दी जाती है। हालांकि, अन्य लोन की तुलना में आपको पर्सनल लोन पर ज्यादा ब्याज देना पड़ सकता है।

इस आधार पर तय होता है लोन

कोई भी बैंक या एनबीएफसी कंपनी आपको लोन किसी भी गारंटी या सुरक्षा के एवज में ग्राहक को देता है और यही कारण है कि आपको ज्यादा ब्याज दर देना पड़ता है। ये बैंक आपका क्रेडिट स्कोर, रीपेमेंट हिस्ट्री के आधार पर तय किया जाता है कि आपका कितना लोन मिलेगा।

आज हम आपको ऐसे पांच बैंकों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कम ब्याज दर पर ग्राहकों को पर्सनल लोन दे रहे हैं।

बैंक ऑफ इंडिया ग्राहकों को 20 लाख रुपये 84 महीने के टेन्योर देने के लिए ग्राहकों से 9.90 फीसदी से लेकर 14.75 फीसदी का ब्याज दर ले रहा है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ग्राहकों को 20 लाख रुपये 84 महीने के टेन्योर देने के लिए ग्राहकों से 10.00 फीसदी का ब्याज दर ले रहा है।
इंडसइंड बैंक ग्राहकों को 25 लाख रुपये 12-60 महीने के टेन्योर देने के लिए ग्राहकों से 10.26 फीसदी से लेकर 32.53 फीसदी का ब्याज दर ले रहा है।
पंजाब नेशनल बैंक ग्राहकों को 10 लाख रुपये 60 महीने के टेन्योर देने के लिए ग्राहकों से 10.40 फीसदी से लेकर 16.95 फीसदी का ब्याज दर ले रहा है।
एक्सिस बैंक ग्राहकों को 50,000 से लेकर 40 लाख रुपये 60 महीने के टेन्योर देने के लिए ग्राहकों से 10.49 फीसदी से लेकर 22.00 फीसदी का ब्याज दर ले रहा है।

पर्सनल लोन प्री-पेमेंट चार्जेस

पर्सनल लोन की री-पेमेंट कब होगी और कितनी पेनाल्टी लगेगी, यह आपके बैंक पर निर्भर करता है। देश में सभी बैंक अपने बनाए नियम के आधार पर काम करते हैं।

हालांकि एसबीआई पूरे ईएमआई या आंशिक ईएमआई भुगतान और अवधि समाप्त होने से पहले खाते को बंद करने पर प्रीपेड राशि पर 3 फीसदी का प्रीपेमेंट शुल्क काटता है।

कितना लगता है प्रोसेसिंग फीस?

बैंक प्रोसेसिंग फीस को भी ग्राहकों से ही वसूलते हैं। यह फीस भी हर बैंक की अलग-अलग होती है। एसबीआई आपके लोन की रकम का 1 फीसदी प्रोसेसिंग फीस काटता है।