सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए यूपी DGP ने उठाए महत्वपूर्ण कदम, अफसरों को दिए निर्देश

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दुर्घटना मुक्त प्रदेश और सुरक्षित सड़कें बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। नवंबर माह को यातायात माह के रूप में मनाते हुए पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सड़क दुर्घटनाओं में कमी और यातायात प्रबंधन सुधार की समीक्षा बैठक की। बैठक में प्रदेश के प्रमुख मार्गों पर हुई दुर्घटनाओं का आंकलन किया गया और उनके सुधार के लिए रणनीतियाँ तैयार की गईं।

डीजीपी ने दिए थे निर्देश

पुलिस महानिदेशक ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद ही यातायात सुधार को शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल किया और एडीजी यातायात निदेशालय को दुर्घटना हॉटस्पॉट्स के आधार पर विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। इसके अंतर्गत प्रदेश के तीन प्रमुख मार्गों पर विशेष अभियान चलाकर दुर्घटनाओं में 30% से 90% तक कमी हासिल की गई। इन सफल प्रयोगों के आधार पर अब राज्यव्यापी कार्ययोजना लागू की जा रही है।

इस योजना के दो मुख्य लक्ष्य हैं। पहला, शहरों में जाम की समस्या को कम करना और दूसरा, सड़क दुर्घटनाओं में जनहानि को घटाना। इसके तहत 20 जनपदों में 233 क्रिटिकल थाने, 89 कॉरिडोर और 3233 क्रैश लोकेशन चिन्हित किए गए हैं। इन थानों को एल्कोमीटर, स्पीड गन जैसे आधुनिक संसाधन दिए जाएंगे। साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा और जांच की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

इसलिए हो रहे प्रयास

सभी कार्यवाहियों की नियमित समीक्षा मुख्यालय स्तर से की जाएगी। कार्यान्वयन की प्रक्रिया को सटीक और प्रभावी बनाने के लिए विस्तृत Standard Operating Procedure जारी की गई है। इस योजना से न केवल सड़क सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश के नागरिकों को सुरक्षित और सुगम यात्रा का अनुभव भी मिलेगा। पुलिस प्रशासन लगातार प्रयासरत है कि उत्तर प्रदेश दुर्घटना मुक्त और सुरक्षित प्रदेश के रूप में पहचाना जाए