ये है मामला
बताया गया कि नागला गूड़ा गांव का रहने वाला कैलाश राजपूत बाइक से खड़नी जा रहा था। रास्ते में चौकी इंचार्ज अंकित यादव अपने दो सिपाहियों के साथ वाहनों की जांच कर रहे थे। उन्होंने युवक को रोकने की कोशिश की, लेकिन वह कुछ दूर आगे बढ़ गया।
पुलिसकर्मियों ने जब नाम पूछा और उसने “कैलाश राजपूत” बताया, तो वे भड़क उठे। उन्हें लगा कि युवक विधायक कैलाश राजपूत का नाम लेकर दबाव बना रहा है। इसी बात पर तीनों ने मिलकर उसे बुरी तरह पीट दिया।
पीड़ित के शरीर पर लाठियों के गहरे निशान हैं। मारपीट की जानकारी जब विधायक कैलाश राजपूत को मिली तो वे खुद थाने पहुंचे और घायल युवक को लेकर एसपी से शिकायत की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने नाम की गलतफहमी में निर्दोष युवक पर अत्याचार किया है, जो बेहद शर्मनाक है।
एसपी ने किया सभी को सस्पेंड
एसपी विनोद कुमार ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए। रिपोर्ट में चौकी इंचार्ज अंकित यादव, सिपाही अरविंद यादव और विशाल मिश्रा दोषी पाए गए। तीनों को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।
अब मामले की विभागीय जांच सीओ तिर्वा को सौंपी गई है। पुलिस ने कहा है कि “ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”












