रिपोर्ट । प्रवीण कुमार मिश्रा

श्रावस्ती। भगवान विश्वकर्मा जी की जयंती के अवसर पर संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में स्थित जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में विश्वकर्मा पूजा का आयोजन किया गया। इस दौरान इंडियन रेडक्रास सोसायटी की चेयरमैन श्रृति बरार ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा व हवन किया। रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा संचालित इस संस्थान में दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग का निर्माण किया जाता है।इस अवसर पर रेडक्रास सोसायटी की चेयरमैन ने कहा कि रामायण काल में पुष्पक विमान की परिकल्पना की जाती है। इस पुष्पक विमान के निर्माण के साथ ही समस्त देव शस्त्र का निर्माण भगवान विश्वकर्मा द्वारा किया गया था। भगवान विश्वकर्मा ने इंद्रलोक, त्रेता में लंका, द्वापर में द्वारिका और हस्तिनापुर, कलयुग में जगन्नाथ पुरी का निर्माण किया था। इसके अलावा शिव का त्रिशूल, इंद्र का व्रज और भगवान विष्णु के लिए सुदर्शन चक्र को भी भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया था।रेडक्रास के सचिव अरुण कुमार मिश्र ने कहा कि मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ऐसे देवता हैं जो हर काल में सृजन और निर्माण के देवता रहे हैं। यही कारण है कि किसी निर्माण एवं सृजन से जुड़े हुए लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना करते हैं।इस अवसर पर कोषाध्यक्ष रवि कुमार मिश्र, डीडीआरसी संचालक के साथ ही कर्मचारियों में प्रमोद कुमार सिंह, अरविंद पाठक, वामिक खान, शिवम मिश्र, राजन पांडे मौजूद रहे।